भारत माता की जय : जननी-जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी 🕉️ 💞🚩💞🇮🇳🙏

जननी-जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात् जननी (माता) और जन्मभूमि का स्थान स्वर्ग से भी श्रेष्ठ एवं महान है । हमारे वेद पुराण तथा धर्मग्रंथ सदियों से दोनों की महिमा का बखान करते रहे हैं ।

माता का प्यार, दुलार व वात्सल्य अतुलनीय है। इसी प्रकार जन्मभूमि की महत्ता हमारे समस्त भौतिक सुखों से कहीं अधिक है । लेखकों, कवियों व महामानवों ने जन्मभूमि की गरिमा और उसके गौरव को जन्मदात्री के तुल्य ही माना है ।

जिस प्रकार माता बच्चों को जन्म देती है तथा उनका लालन-पालन करती है, अनेक कष्टों को सहते हुए भी बालक की खुशी के लिए अपने सुखों का परित्याग करने में भी नहीं चूकती उसी प्रकार जन्मभूमि जन्मदात्री की भाँति ही अनाज उत्पन्न करती है |

वह अनेक प्राकृतिक विपदाओं को झेलते हुए भी अपने बच्चों का लालन-पालन करती है । अत: किसी कवि ने सच ही कहा है कि वे लोग जिन्हें अपने देश तथा अपनी जन्मभूमि से प्यार नहीं है उनमें सच्ची मानवीय संवेदनाएँ नहीं हो सकतीं ।

“जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं ।

हृदय नहीं वह पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं ।”

माता की महिमा का गुणगान तीनों लोकों में होता रहा है । वह प्रत्येक रूप में पूजनीय है ।
भारत माता की जय 💞🚩💞🇮🇳🙏
SantoshKumar B Pandey at 12.45PM.

Comments

Popular posts from this blog

गणेश महोत्सव : गणेश चतुर्थी की आध्यात्मिक एवं धार्मिक महत्त्व ,राष्ट्रीय एवं इतिहास की महत्त्व और सामाजिक समरसता की शुरुआत !

💞🕉🚩Aham Brahmasmi 💐🙏

व्यक्तित्व विकास – Personality Development !